Breaking News
अक्षय तृतीया पर खुले विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट, छह माह तक होंगे माँ गंगा के दर्शन
अक्षय तृतीया पर खुले विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट, छह माह तक होंगे माँ गंगा के दर्शन
श्रद्धालुओं की सुखद यात्रा और सकुशल वापसी हमारी प्राथमिकता- मुख्य सचिव
श्रद्धालुओं की सुखद यात्रा और सकुशल वापसी हमारी प्राथमिकता- मुख्य सचिव
‘द लिटरेचर लॅरिट सम्मान’ से सम्मानित हुए ‘निशंक’
‘द लिटरेचर लॅरिट सम्मान’ से सम्मानित हुए ‘निशंक’
यात्रा मार्ग पर सेवा देंगे 43 सौ से अधिक घोड़ा- खच्चर संचालक
यात्रा मार्ग पर सेवा देंगे 43 सौ से अधिक घोड़ा- खच्चर संचालक
मुख्यमंत्री धामी ने जलशक्ति मंत्री से की मुलाकात, 8 जलविद्युत परियोजनाओं के लिए सहयोग का अनुरोध
मुख्यमंत्री धामी ने जलशक्ति मंत्री से की मुलाकात, 8 जलविद्युत परियोजनाओं के लिए सहयोग का अनुरोध
मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से की भेंट
मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से की भेंट
चारधाम यात्रा को लेकर सख्ती, परिवहन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
चारधाम यात्रा को लेकर सख्ती, परिवहन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
भारत विरोधी बयानों के चलते पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का ‘X’ अकाउंट भारत में प्रतिबंधित
भारत विरोधी बयानों के चलते पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का ‘X’ अकाउंट भारत में प्रतिबंधित
मुखबा गांव से मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना, भव्य विदाई समारोह में गूंजे जयकारे
मुखबा गांव से मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना, भव्य विदाई समारोह में गूंजे जयकारे

सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को बुलडोजर एक्शन पर लगाई फटकार, 25 लाख मुआवजा देने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को बुलडोजर एक्शन पर लगाई फटकार, 25 लाख मुआवजा देने का आदेश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को 2019 में एक मकान ध्वस्त करने के मामले में कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मकान मालिक को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। यह मामला महाराजगंज जिले में सड़क चौड़ीकरण परियोजना के दौरान बिना पूर्व सूचना दिए घर तोड़े जाने से जुड़ा है।

रातों-रात नहीं गिरा सकते मकान: सुप्रीम कोर्ट
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, “आप कानून का पालन किए बिना और बिना नोटिस दिए किसी का मकान रातों-रात नहीं गिरा सकते। इस प्रकार की कार्यवाही पूरी तरह से अवैध है।”

जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
अदालत ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक महीने के भीतर आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए। न्यायालय ने कहा कि विध्वंस के मामले में नियमों का पालन किया जाना चाहिए और मनमानी कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बदले की भावना से की गई कार्रवाई का आरोप
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई केवल इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने सड़क निर्माण में अनियमितताओं को लेकर मीडिया में जानकारी दी थी। बिना किसी पूर्व सूचना के उनके मकान को ध्वस्त कर देना कानून का उल्लंघन है।

उत्तर प्रदेश सरकार की अर्जी खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मामले को टालने की अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई को अवैध बताया, क्योंकि भूमि अधिग्रहण का कोई प्रमाण नहीं था और ध्वस्तीकरण के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।

एनएचआरसी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि विध्वंस का दायरा कथित अतिक्रमण से कहीं अधिक था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान मौजूदा सड़क की चौड़ाई की जानकारी होना आवश्यक है, और यदि कोई अतिक्रमण पाया जाता है तो संबंधित निवासियों को नोटिस देना चाहिए और उन्हें अपनी आपत्ति दर्ज कराने का अवसर मिलना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top