Breaking News
पति ने पत्नी की कुल्हाड़ी से काटकर की हत्या, तीन साल की मासूम बनी चश्मदीद गवाह
पति ने पत्नी की कुल्हाड़ी से काटकर की हत्या, तीन साल की मासूम बनी चश्मदीद गवाह
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने रद्द किया इस परीक्षा का पेपर, यहां जानिए पूरा मामला 
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने रद्द किया इस परीक्षा का पेपर, यहां जानिए पूरा मामला 
महिला प्रीमियर लीग 2025- मुंबई इंडियंस और गुजरात जाएंट्स के बीच एलिमिनेटर मुकाबला कल 
महिला प्रीमियर लीग 2025- मुंबई इंडियंस और गुजरात जाएंट्स के बीच एलिमिनेटर मुकाबला कल 
رأي الفائزين في كازينوهات المقامرة حول أفضل حوافز الكازينوهات على الإنترنت
सलमान खान की आगामी फिल्म ‘सिकंदर’ का नया गाना ‘बम बम भोले’ हुआ रिलीज, धांसू अंदाज में दिखे अभिनेता 
सलमान खान की आगामी फिल्म ‘सिकंदर’ का नया गाना ‘बम बम भोले’ हुआ रिलीज, धांसू अंदाज में दिखे अभिनेता 
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होली मिलन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होली मिलन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह पर पहुचें प्रधानमंत्री मोदी, दोनों देशों ने 8 सहमति पत्रों पर भी किए हस्ताक्षर
मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह पर पहुचें प्रधानमंत्री मोदी, दोनों देशों ने 8 सहमति पत्रों पर भी किए हस्ताक्षर
पुतले को बम से उड़ाने सम्बन्धी वीडियो आपत्तिजनक व दुर्भाग्यपूर्ण- भाजपा
पुतले को बम से उड़ाने सम्बन्धी वीडियो आपत्तिजनक व दुर्भाग्यपूर्ण- भाजपा
रोजाना घर पर करें ये तीन योगासन, शरीर को मजबूत करने के साथ- साथ इम्यूनिटी को भी करेगा बेहतर 
रोजाना घर पर करें ये तीन योगासन, शरीर को मजबूत करने के साथ- साथ इम्यूनिटी को भी करेगा बेहतर 

यूसीसी – महिलाओं और बच्चों को मिली सामाजिक- आर्थिक सुरक्षा

यूसीसी – महिलाओं और बच्चों को मिली सामाजिक- आर्थिक सुरक्षा

देहरादून। समान नागरिक संहिता, के लिए ड्राफ्ट तय करने वाली विशेषज्ञ कमेटी की सदस्य और दून विश्वविद्यालय की वीसी प्रो. सुरेखा डंगवाल के मुताबिक उत्तराखंड समान नागरिक संहिता के जरिए ना सिर्फ महिलाओं और बच्चों की सामाजिक आर्थिक सुरक्षा मजबूत हुई है। बल्कि इससे विवाह संस्था को भी मज़बूती मिलेगी । प्रो. सुरेखा डंगवाल ने बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता की भावना ही, लिंग आधारित भेदभाव को समाप्त करते हुए समता स्थापित करना है। उन्होने कहा कि अभी कई ऐसे मामले सामने आ रहे थे, जिसमें महिलाओं को पता ही नहीं होता था कि उनके पति की दूसरी शादी भी है। कुछ जगह धार्मिक पंरपराओं की आड़ में भी ऐसा किया जा रहा था। इस तरह अब शादी का पंजीकरण अनिवार्य किए जाने से, महिलाओं के साथ इस तरह का धोखे की सम्भावना न्यूनतम हो जाएगी। साथ ही इससे चोरी छिपे 18 साल से कम उम्र में लड़कियों की शादी की कुप्रथाओं पर रोक लग सकेगी। इससे बेटियां निश्चित होकर अपनी उच्च शिक्षा जारी रख सकती हैं।

बुजुर्गों और बच्चों को भी सुरक्षा
प्रो. सुरक्षा डंगवाल के मुताबिक उत्तराखंड समान नागरिक संहिता में व्यक्ति की मौत होने पर उनकी सम्पत्ति में पत्नी और बच्चों के साथ माता पिता को भी बराबर के अधिकार दिए गए हैं। इससे बुजुर्ग माता पिता के अधिकार भी सुरक्षित रह सकेंगे। इसी तरह लिव इन से पैदा बच्चे को भी विवाह से पैदा संतान की तरह माता और पिता की अर्जित सम्पत्ति में हक दिया गया है। इससे लिव इन रिलेशनशिप में जिम्मेदारी का भाव आएगा, साथ ही विवाह एक संस्था के रूप में और अधिक समृद्ध होगा साथ ही स्पष्ट गाइडलाइन होने से कोर्ट केस में भी कमी आएगी।

प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा भारत का संविधान दो वयस्क नागरिकों को अपनी पसंद से जीवनसाथी चुनने की अनुमति देता है। इसके लिए पहले से ही विशेष विवाह अधिनियम मौजूद है, इसमें भी आपत्तियां मांगी जाती है। अब इसी तरह कुछ मामलों में अभिभावकों को सूचना दी जाएगी। वहीं लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए पहले से ही धर्मांतरण कानून लागू है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top